देश में महंगा हो सकता है Palm Oil, FM ने भी जताई चिंता
देश में महंगा हो सकता है Palm Oil, FM ने भी जताई चिंता
नयी दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण सूरजमुखी तेल की आपूर्ति खराब हो गई है। इससे कच्चे पाम तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं। काला सागर क्षेत्र में बढ़ते तनाव के कारण सूरजमुखी के बीज और वहां से तेल की आपूर्ति प्रभावित हुई है। बता दें कि भारत कच्चे पाम तेल का एक प्रमुख आयातक है और हम अपने खाद्य तेल की दो-तिहाई से ज्यादा जरूरत बाहर से पूरा करते हैं। इसमें पाम ऑयल की हिस्सेदारी 60 फीसदी से ज्यादा है।
सभी खाद्य तेल एक-दूसरे की कीमतों को ट्रैक करते हैं क्योंकि वे बाजार में प्रतिस्पर्धा करते हैं। और कोई भी संभावित आपूर्ति समस्या दूसरे की काउंटर कीमतों को बढ़ा देती है। पिछले एक महीने में बेंचमार्क मलेशियाई क्रूड पाम ऑयल करीब 25 फीसदी चढ़ा है। बुधवार को इसने 7,108 रिंगित (1,28,819 रुपये के बराबर) प्रति टन के सर्वकालिक उच्च स्तर को छुआ।
इस लेखन के समय, मई डिलीवरी के लिए मलेशियाई कच्चा पाम तेल वायदा 6,901 रिंगित पर था। जियोजित फाइनेंशियल के विश्लेषक टीपी विनोद ने कहा कि यूक्रेन से सन ऑयल की आपूर्ति कुछ समय के लिए प्रभावित हो सकती है। नियर टर्म रेजिस्टेंस 7,250 रिंगित पर देखा जा रहा है, जबकि सपोर्ट 6,250 रिंगित के पास है।
उनके अनुसार, पाम तेल की कीमतों में मौजूदा तेजी की शुरुआत भी बाजार में दहशत के कारण हुई है और युद्ध के मोर्चे पर सकारात्मक खबर इसकी कीमतों में काफी सुधार कर सकती है। कोटक सिक्योरिटीज के मोहित व्यास ने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े पाम तेल उत्पादक देशों (इंडोनेशिया और मलेशिया) में पाम तेल के स्टॉक में कमी, दक्षिण अमेरिकी देशों में सोयाबीन की कमजोर फसल को लेकर चिंता और भारत द्वारा आयात शुल्क में कमी के कारण ऐसा हुआ है। निकट भविष्य में कीमतों के स्तर पर बने रहने की संभावना है।